
परिचय
एक कुशल रणनीतिकार, ऊर्जावान और हिन्दुत्व के उत्कृष्ट ध्वजवाहक
छत्तीसगढ़ की राजनीति में बीजेपी के एक कुशल रणनीतिकार, ऊर्जावान और सनातन धर्म के विस्तार के लिए सतत प्रयासरत राष्ट्रवादी नंदन जैन जी का जन्म 27 नवंबर 1982 को रायपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. कुंदन लाल जैन और माँ का नाम स्व. वीणा देवी जैन है। उनकी पत्नी का नाम श्रीमती मधु जैन है। नंदन जैन और मधु जैन जी के एक बेटा और एक बेटी हैं। बेटे नाम मुकुल एवं बेटी का नाम प्रज्ञा है। बड़े भाई श्री चंदन जैन जो कि एकल विद्यालय प्रकल्प के प्रदेश सचिव हैं। नंदन जैन जी ने प्रारम्भिक शिक्षा रायपुर के देवेन्द्र नगर स्थित बालाजी विद्या मंदिर से प्राप्त की,उसके पश्चात देशबंधु स्कूल से कक्षा 12 वीं तक की शिक्षा ग्रहण की।
मेरे विचार
देशभक्ति के भाव, सनातन के विस्तार और समाज में नए आयाम स्थापित करने के लिए राजनीति एक माध्यम है और उस माध्यम से जनसेवा के प्रयास अनवरत जारी रहेंगे।
मेरा लक्ष्य
देशभक्ति के भाव, सनातन के विस्तार और समाज में नए आयाम स्थापित करने के लिए राजनीति एक माध्यम है और उस माध्यम से जनसेवा के प्रयास अनवरत जारी रहेंगे।
धर्मसेवा
रायपुर के वीआईपी रोड स्थित भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के पूर्व वहाँ वनवासी छात्रावास तथा वेद विद्यालय का संचालन किया जाता था इन दोनों प्रकल्पों के सचिव का दायित्व नंदन जैन जी के पास था साथ ही गौशाला का भी संचालन किया जाता था। नंदन जैन जी ने सभी प्रकल्पों की ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभाई और इन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास किया और इसी भूमि में आगे चलकर भव्य राम मंदिर की योजना नंदन जैन जी ने बनाई।
रायपुर के वीआईपी रोड स्थित भव्य श्रीराम मंदिर को हम सब जिस रूप में देख रहे हैं उस परिकल्पना से निर्माण तक के प्रमुख सूत्रधार नंदन जैन जी हैं। सन 2003 में उन्होंने रायपुर में राम मंदिर की कल्पना की थी तब उनके मन में एक विचार पल्लवित हुआ था। नंदन जैन जी उस दौर में अयोध्या में एक तंबू के नीचे विराजे श्री रामलला को देखकर भावुक हुए थे। उस दौर में प्रभु श्री राम के अस्तित्व को लेकर खड़े किए जा रहे सवालों से नंदन जैन जी व्यथित थे तब ही उन्होंने निश्चय किया था कि भगवान राम के ननिहाल और माँ कौशल्या के मायके छत्तीसगढ़ में भव्य और सनातन आस्था के मजबूत केंद्र के रूप में मंदिर की स्थापना करेंगे और इसी ध्येय को परिलक्षित करते हुए उन्होंने सन 2003 में रायपुर में संघ के वरिष्ठों प्रचारकों के सानिध्य में ट्रस्ट का पुन: निर्माण कर रायपुर में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की नीव रखी थी।
