धर्मसेवा
सनातन धर्म रक्षा के दृढ़ संकल्प के साथ श्रेष्ठ भारत निर्माण



रायपुर के वीआईपी रोड स्थित भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के पूर्व वहाँ वनवासी छात्रावास तथा वेद विद्यालय का संचालन किया जाता था इन दोनों प्रकल्पों के सचिव का दायित्व नंदन जैन जी के पास था साथ ही गौशाला का भी संचालन किया जाता था। नंदन जैन जी ने सभी प्रकल्पों की ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभाई और इन्हें और बेहतर बनाने का प्रयास किया और इसी भूमि में आगे चलकर भव्य राम मंदिर की योजना नंदन जैन जी ने बनाई।
रायपुर के वीआईपी रोड स्थित भव्य श्रीराम मंदिर को हम सब जिस रूप में देख रहे हैं उस परिकल्पना से निर्माण तक के प्रमुख सूत्रधार नंदन जैन जी हैं। सन 2003 में उन्होंने रायपुर में राम मंदिर की कल्पना की थी तब उनके मन में एक विचार पल्लवित हुआ था। नंदन जैन जी उस दौर में अयोध्या में एक तंबू के नीचे विराजे श्री रामलला को देखकर भावुक हुए थे। उस दौर में प्रभु श्री राम के अस्तित्व को लेकर खड़े किए जा रहे सवालों से नंदन जैन जी व्यथित थे तब ही उन्होंने निश्चय किया था कि भगवान राम के ननिहाल और माँ कौशल्या के मायके छत्तीसगढ़ में भव्य और सनातन आस्था के मजबूत केंद्र के रूप में मंदिर की स्थापना करेंगे और इसी ध्येय को परिलक्षित करते हुए उन्होंने सन 2003 में रायपुर में संघ के वरिष्ठों प्रचारकों के सानिध्य में ट्रस्ट का पुन: निर्माण कर रायपुर में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की नीव रखी थी।
नंदन जी ने विषम परिस्थितियों और चुनौतियों से लड़कर एक दूरगामी सपने को पूरा करने की दिशा में काम करना शुरू किया था। उस दौर में श्रीराम मंदिर का निर्माण कल्पना मात्र प्रतीत हो रहा था लेकिन मजबूत हौसलों ने नंदन जैन जी को कभी पीछे मुड़कर देखने नहीं दिया। उस दशक में संघ के विचारों के विस्तार एवं संघ के माध्यम से राष्ट्रसेवा के संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम करते हुए नंदन जैन जी के पिता श्री कुंदन लाल जैन जी ने कहा था कि रायपुर में राम मंदिर निर्माण किया जाना चाहिए और उसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
श्रीराम मंदिर रायपुर के संरक्षक उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ 2017 में रायपुर स्थित भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित हुए । रायपुर में श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रभु श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में राम मंदिर का निर्माण हो गया है और अब यहीं से आयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। उस समय श्री योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट से सांसद थे तथा प्राण प्रतिष्ठा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और अयोध्या में राम मंदिर का कार्य भी आरंभ करवा दिया।
नंदन जैन जी की सोच में सनातन धर्म के प्रति एक अलग सोच का सृजन करना एवं सेवा का उत्कृष्ट प्राकल्प बनाने का दृढ़ संकल्प था जो अब पूरा हो रहा है। आज रायपुर स्थित भव्य श्री राम मंदिर धर्म और आस्था का केंद्र है। श्री राम मंदिर सेवा के प्राकल्प और आध्यात्मिक केंद्र की ऐसी संस्था बनता जा रहा है जो पूर्ण रूप से स्वावलंबी है। सनातन धर्म के विस्तार के लिए नंदन जैन जी सेवा भाव को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

राम मंदिर का आर्किटेक्ट
राम मंदिर के निर्माण की कल्पना को धरातल में लाने के लिए मंदिर के स्वरूप पर विशेष ध्यान देना आवश्यक था नंदन जैन जी ने प्राचीन भारतीय परंपरा का अध्ययन करने के बाद मंदिर के निर्माण के लिए एक पारंपरिक पद्धति अपनाई और उसके अनुसार गर्भ गृह से लेकर प्रांगण और मंदिर के चारों ओर के परिसर का वास्तु के अनुसार निर्माण किया। मंदिर में भगवान राम सीता और हनुमान के अलावा 16 देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। मंदिर में स्थापित भगवान राम की मूर्ति की खास बात यह भी है कि इसे सिंगल मकराना पत्थर से बनाया गया है।जिस मकराना पत्थर से भगवान को आकार दिया गया है उसे खोजने में करीब डेढ़ साल का समय लगा। राजस्थान में बनी राम की प्रतिमा को तराशने में 4 माह का समय लगा है।मंदिर निर्माण के लिए ओडिसा और राजस्थान से सैकड़ों कारिगरों को रायपुर बुलाया गया था। भव्य और आकर्षक मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवारों पर बारीक कारीगिरी की गई है। दीवारों में भगवान विष्णु के कई अवतारों के साथ कई देवी-देवताओं को उकेरा गया है।यह नंदन जैन जी के द्वारा किया गया सबसे महत्वपूर्ण कार्य था जो अनंत काल तक सनातन की परंपरा को पोषित करेगा क्यों की मंदिर में गौशाला, वेद विद्यालय, छात्रावास सहित सभी महत्वपूर्ण प्रकल्प हैं।
क़ानूनी पक्ष
राम मंदिर को बनाने में ज़मीन के नक़्शे और विभिन्न प्रकार के क़ानूनी मामलों को नंदन जैन जी ने संभाला जिसके अन्तर्गत निर्माण के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देश का व्यवस्थित पालन करना संबंधित विभागों से अनुमोदन तथा क़ानूनी विवादों का न्यायालय के माध्यम से निवारण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
आर्थिक पक्ष
श्री राम मंदिर की कल्पना से धरातल तक का सफ़र आसान नहीं था भूमि आबंटन से लेकर मंदिर के निर्माण और सभी पहलुओं की व्यवस्था का आर्थिक स्वरूप जटिल था। इतने भव्य मंदिर की लागत करोड़ों में थी और नंदन जैन जी अपनी कार्यकुशलता से राज्य के व्यापारियों, राजनेताओं तथा आम जनता को अपने विश्वास में लेकर आर्थिक समस्या का निवारण भी कर दिया। आज राम मंदिर में प्रतिदिन भोजनालय, गौशाला, विद्यालय एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं जिसका संचालन नंदन जैन जी के नेतृत्व में हो रहा है।
समन्वय
श्री राम मंदिर सिर्फ़ एक मंदिर नहीं है अपितु सनातन की विचारधारा से प्रेरित सभी वर्ग के लिए एक ऐसा स्थान हैं जहां सभी अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक अनुष्ठान तथा पर्व मना सकते हैं। आपसी वैचारिक सभा तथा धार्मिक सभाओं का आयोजन किया जा सकता है। संघ के सभी प्रकल्प एवं विचार परिवार यहाँ एक साथ उपस्थित हो कर अनेकों निर्णय लेते हैं तथा भविष्य की योजनायों पर बैठकों का आयोजन समय समय पर होता है।